आराधना आराधना आराधना।
मात चरणों में समर्पित शक्ति संकुल अर्चना॥
आराधना आराधना आराधना।
पुण्य सलिला सरित पूजित सुरभि रज से देह निर्मित ।
मलय शीतल वायु सेवित तेज की ध्रुव साधना॥
मनु भरत से आज तक के अगिन पुरखों के ह्रदय के
रक्तसे शुचि स्वेद कण से सद्य संचित प्रेरणा॥
कर्म में रत कामना हो ध्येय भक्ति भावना हो।
मरण जीवन हो निरन्तर जननी तव पद प्रार्थना॥
आराधना आराधना आराधना।