मातृभूमि गान से गूँजता रहे गगन- Mathrubhumi Gaanese Gunchatha Song by Teachers of VKV (NEEPCO) Yazal
मातृभूमि गान से गूँजता रहे गगन
स्नेह नीर से सदा फूलते रहें सुमन।
जन्म सिध्द भावना स्वदेश का विचार हो
रोम -रोम में रमा स्वधर्म संस्कार हो
आरती उतारते प्राण दीप हो मगन
स्नेह नीर...
हार के सुसूत्र में मोतियों की पंक्तियाँ
ग्राम नगर प्रान्त से संग्रहीत शक्तियाँ
लक्ष-लक्ष रुप से राष्ट्र हो विराट तन॥
स्नेह नीर...
ऐक्य शक्ति देश की प्रगति में समर्थ हो
धर्म आसरा लिये मोक्ष काम अर्थ हो
पुण्य भूमि आज फिर ज्ञान का बने सदन
स्नेह नीर...